कुछ सवाल
सच मानो-- तुम्हारे जाने से दुखी नही हूँ
दुखी हूँ उस आसमान को देख कर
जो इस रात के अन्धेरे मे
हम सब को0 आँसू दे कर खुद
जगमगा रहा है
चाँद इतरा रहा है
तारे जैसे मस्ती मे झूम रहे हैं
तुम्हारे उन के पास लौट जाने का जश्न
मगर धरती पर सब ओर सन्नाटा
गहरी उदासी सबकी शब्द भी मूक से हैं
अनुभूतियाँ, अभिव्यक्तियाँ, संवेदनायें
त्रस्त हैं ,कौन किस से क्या कहे?
कुछ भी नही छोडा तुम्ने कहने को
और मेरा मन कुछ सवालों की
सलीब पर लटक गया है?
सब से पहला सवाल तुम से है
क्या तुम नही जानते थे
कि इन्सान को रोने के लिये भी
एक कन्धा चाहिये होता है
और तुम ने कितनी आसानी से,
या कहूँ कि बेरहमी से
अपना कन्धा खींच लिया
शायद तुम भी आजकल के हिसाब से
प्रैक्टीकल हो गये थे-- यही तो दुख है
जो दिल से अपने होते हैं
उनका दुख की घडी मे कन्धा खींच लेना
कितना दर्द देता है
दिल की किचरें सम्भाले नही सम्भलती
काश! तुम ये महसूस कर पाते
बाकी सवाल फिर कभी-----
कविता जारी है अगली कडी तक
ये सवाल जब तक हम ज़िन्दा रहेंगे उठेंगे
शायद इतना दर्द उस मसीहे को भी
सलीब पर लटक कर नही हुया होगा
तभी तो वो उपदेश दे कर चले गये
मगर हम तो एक दूसरे को
सान्तवना भी नही दे सकते
फिर भी उसे जी कर दिखाना ही होगा
दुखी हूँ उस आसमान को देख कर
जो इस रात के अन्धेरे मे
हम सब को0 आँसू दे कर खुद
जगमगा रहा है
चाँद इतरा रहा है
तारे जैसे मस्ती मे झूम रहे हैं
तुम्हारे उन के पास लौट जाने का जश्न
मगर धरती पर सब ओर सन्नाटा
गहरी उदासी सबकी शब्द भी मूक से हैं
अनुभूतियाँ, अभिव्यक्तियाँ, संवेदनायें
त्रस्त हैं ,कौन किस से क्या कहे?
कुछ भी नही छोडा तुम्ने कहने को
और मेरा मन कुछ सवालों की
सलीब पर लटक गया है?
सब से पहला सवाल तुम से है
क्या तुम नही जानते थे
कि इन्सान को रोने के लिये भी
एक कन्धा चाहिये होता है
और तुम ने कितनी आसानी से,
या कहूँ कि बेरहमी से
अपना कन्धा खींच लिया
शायद तुम भी आजकल के हिसाब से
प्रैक्टीकल हो गये थे-- यही तो दुख है
जो दिल से अपने होते हैं
उनका दुख की घडी मे कन्धा खींच लेना
कितना दर्द देता है
दिल की किचरें सम्भाले नही सम्भलती
काश! तुम ये महसूस कर पाते
बाकी सवाल फिर कभी-----
कविता जारी है अगली कडी तक
ये सवाल जब तक हम ज़िन्दा रहेंगे उठेंगे
शायद इतना दर्द उस मसीहे को भी
सलीब पर लटक कर नही हुया होगा
तभी तो वो उपदेश दे कर चले गये
मगर हम तो एक दूसरे को
सान्तवना भी नही दे सकते
फिर भी उसे जी कर दिखाना ही होगा
7 comments:
Mummy!! Very well said!!
It's been seen always, it's only good people who got to leave this painful world.. I wish god will give so much strength to my family and his friends to understand the reality to living our life without him!!
ऐसी ऐसी घटनाएं घट जाती हैं .. जिनके बारे में कभी सोंचा भी नहीं जा सकता .. भावों को सुंदर अभिव्यक्ति दी है आपने .. आप सबों को इस दुख को सहने की शक्ति मिले .. बस ईश्वर से अब यही प्रार्थना कर सकती हूं !!
सुंदर अभिव्यक्ति.
सुंदर अभिव्यक्ति.
बहुत मार्मिक दिल की गहराइयों तक उतारी यह रचना ......ईश्वर से प्रार्थना है आप इस दर्द से उभर पाए
Kya kahun Nirmala ji
bahut dukh huaa ye jaankar.Ishwar ke apne hee tarike hain....unkee marzee ke aage sab haarmaan hain.
Ishwar aap sabhee ko va unke pariwaar ko bahut shakti de va dono kee atmaaon ko shanti.
Merii bhavbheenee sraddhanjali :(
bhaut dukh hua
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