एक साँस का फासला
ज़िन्दगी और मौत
केवल एक साँस का फासला
ज़िन्दगी और मौत
केवल एक साँस का फासला
मगर जन्मों की दूरी
और तुम
कितनी आसानी से
अटक गये उस पर
नहीं बढाया कदम
दूसरी साँस की ओर
शायद तुम्हारा प्रतिशोध था
अपनी ज़िन्दगी से
शायद तुम सही थे
तुम इस फासले के
घोर सन्नाटे का
एहसास करवाना चाहते थे
और जीने वालों के लिये
छोड जाना चाहते थे
कुछ नमूने कि
तुम भी जी कर दिखाओ
मेरी तरह जी कर
देना चाहते थे एक टीस
जो मौत से भी असह है
देखना चाहती हूँ मै भी
इस सन्नाटे का एक एक पल
तुम कैसे जीये थे
उस आखिरी साँस को लेते हुये
हाँ बस इतना ही कर सकती हूँ
हा ! क्या तकदीर है?
कितनी बेबसी है
एक माँ के लिये जीना
बेटे की मौत के बाद
और उसके अँदाज़ मे जीना
हंसते मुस्कुराते जीना
काश! हम ये कर पायें
यही तो सिखाया है तुम ने
और तुम
कितनी आसानी से
अटक गये उस पर
नहीं बढाया कदम
दूसरी साँस की ओर
शायद तुम्हारा प्रतिशोध था
अपनी ज़िन्दगी से
शायद तुम सही थे
तुम इस फासले के
घोर सन्नाटे का
एहसास करवाना चाहते थे
और जीने वालों के लिये
छोड जाना चाहते थे
कुछ नमूने कि
तुम भी जी कर दिखाओ
मेरी तरह जी कर
देना चाहते थे एक टीस
जो मौत से भी असह है
देखना चाहती हूँ मै भी
इस सन्नाटे का एक एक पल
तुम कैसे जीये थे
उस आखिरी साँस को लेते हुये
हाँ बस इतना ही कर सकती हूँ
हा ! क्या तकदीर है?
कितनी बेबसी है
एक माँ के लिये जीना
बेटे की मौत के बाद
और उसके अँदाज़ मे जीना
हंसते मुस्कुराते जीना
काश! हम ये कर पायें
यही तो सिखाया है तुम ने
2 comments:
Oh! saara dard dil ka shabdo me ubhar aaya..
घटना जो घटी नहीं
मन में बढ़ गई।
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