( कविता )
तुझे ढूँढाते रहे
तेरे साथ दिवाली थी घर आँगन क्या
मेरे दिल के दिये भी जलते रहे
तेरे बाद दिवाली पे किसी कोने में
इक छोटी सी किरण को तरसते रहे
तू मेरे घर का चिराग था
तेरे दम से था ये घर रोशन्
तेरे बाद जरा सी खुशी के लिये
दूसरों का मुँह तकते रहे
तेरे देश मे दिवाली पे
यूँ दिये जलते नहीं क्या
हम उठा के मुँह सारी रात
आसमाँ मे तेरा घर ढूँढते रहे
ऎ खुदा इक माँ पे तो रहम खाया करो
उसके चिराग को दिवाली पे तो जलाया करो
इसी इन्तज़ार मे अंधेरी ज़िन्दगी के
सहकते से पहर कटते रहें
अनूप और शशी तुम बहुत याद आते हो। घर की दीवरें तुम्हारी राह देख रही हैं। अब कौन इस पर दीये जलायेगा? फिर भी यही दुआ है कि तुम्हारी आत्मा को शान्ति मिले। हम जी रहे हैं जी लेंगे बस।
तेरे साथ दिवाली थी घर आँगन क्या
मेरे दिल के दिये भी जलते रहे
तेरे बाद दिवाली पे किसी कोने में
इक छोटी सी किरण को तरसते रहे
तू मेरे घर का चिराग था
तेरे दम से था ये घर रोशन्
तेरे बाद जरा सी खुशी के लिये
दूसरों का मुँह तकते रहे
तेरे देश मे दिवाली पे
यूँ दिये जलते नहीं क्या
हम उठा के मुँह सारी रात
आसमाँ मे तेरा घर ढूँढते रहे
ऎ खुदा इक माँ पे तो रहम खाया करो
उसके चिराग को दिवाली पे तो जलाया करो
इसी इन्तज़ार मे अंधेरी ज़िन्दगी के
सहकते से पहर कटते रहें
अनूप और शशी तुम बहुत याद आते हो। घर की दीवरें तुम्हारी राह देख रही हैं। अब कौन इस पर दीये जलायेगा? फिर भी यही दुआ है कि तुम्हारी आत्मा को शान्ति मिले। हम जी रहे हैं जी लेंगे बस।
14 comments:
कुछ कहते नहीं बन रहा। बस,दर्द की अनुभूति की जा सकती है।
really very nice &
wish u a happy diwali and happy new year
Wish you Happy Diwali bhai !! Today we all tried not to Cry. Throughout the day you were in our thoughts: in our mind. It was a difficult day for us. I missed you the most today. Trust me bhai though we all are together but still very alone. Mummy rightly said "हम जी रहे हैं जी लेंगे बस।" It's not the life we have ever imagined in our life. I always wanted to do so many things for the family and specially for you. Your small small unfulfilled aspirations makes me felt so bad being an elder brother. Sorry bhai for anything wrong I did with your emotions. Again wish you a very Happy Diwali !!
yes bhai really feeling so alone without u..no festivl completes without u..
I hated this feeling that u r not with us. At times I feel like I want to die too but I know I can't. Can anyone tell me how to get rid of this pain?? I wish I could bring him back but I can't and that's what kills me the most. I wish that I would see him again. His memory will forever live on, I will never forget my only brother.
Happy Diwali...bt V r not happy at all u cnt see this..
Gd nite...take care bhai..
i knw u ll not reply....So, dere z no use 2 wait..
stay happy, m vry happy here n dnt need u here...
Your poem is speaking more than sound.I have full sympathy with you.
it sad when people leave....
निर्मला जी,
आपकी कविता ने तो रुला दिया! इस पर और कुछ लिखना संभव नहीं है !
ज्ञानचंद मर्मज्ञ
सारे जहाँ में जले दिये
मगर आपका दिल जला
आपका दर्द जान कर
हमको हुआ खुदा से गिला
क्या कहे नियति के आगे सिर झुकाना ही पडता है ।
तू मेरे घर का चिराग था
तेरे दम से था ये घर रोशन्
Bahut marmik rachna..
कितना दर्द समेटे हैं आप अपने अंदर ........आपकी कविता में मन के दर्द के सोते से बहते नजर आ रहे हैं , दिल भीग गया .....आपका यह प्यार बहुत कुछ बयां कर गया !
तेरे देश मे दिवाली पे
यूँ दिये जलते नहीं क्या
हम उठा के मुँह सारी रात
आसमाँ मे तेरा घर ढूँढते रहे
ऎ खुदा इक माँ पे तो रहम खाया करो
उसके चिराग को दिवाली पे तो जलाया करो
इसी इन्तज़ार मे अंधेरी ज़िन्दगी के
सहकते से पहर कटते रहें
Maa ke dard ko mehsus kiya maine...[:(]
jab apne sath chhor jaate hain, to koi deepak andheri raaton ko roshan nahi k ar paata. .apno ki muskurahat se hi apne jahan main roshn hoti hai.
main kuchh kehne ki stithi main nahi hoon iss waqt...Mujhe bhi apne chhote bhai ki yaad behadd satati hai, rulaati hai..:((((
"ammaa kahti thi -jehi vidh raakhe raam" aur kabeer to badi gahri baat kah gaye hain rishte naaton par -
"man foolaa foolaa fire ,jagat me jhoothhaa naataa re ,
jab tak jive "Maataa "rovey ,bahan roye das maasaa re ,
aur terah din tak tiriyaa rovey ,
fer kare ghar vaasaa re ....."
Kapilaaji man hamaaraa bhi bhar aayaa hai ,bhaav virechan huaahai ,likhaa paane hai ,bhogaa ham sabhi ne hai,ye pal chhin .
iti om shanti .
veerubhai .
nirmala ji bhai ke liye padkar bahut dukh hooa hamari poori hamdardi hai aapse
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