Tuesday, August 31, 2010

A mother's petition to thee

I believed you are the creator of this majestic world;
I believed you do justice and have a gracious heart;
I believed I am your best -loved child.

But today I have to ask you something:
If you wanted me to renounce the most precious gift of my life,
you could have summoned me atleast once.

You could have given me a chance to :
let me snuggle my child (anup) --only once,
let me prepare his favourite food--- only once,
let me see him licking his fingers ---only once,
let me shower all my love on him ---only once,
let me see him smiling ---only once,
let me buy him his few favourite things---only once,
let me have a stroll with him---- only once,
let me bid him a final bye----only once!

Tell me : why couldn't you let me do all these simple things and I could have lived with these memories and endured your decision .

Do you think this is justice;
do you think I can handle it!

If yes: give me a fair explanation--- Only once;
You have to confront me----ONLY ONCE !

I will accept your verdict; your power and your regulations ,
but a mother deserves to know --- why! why! why

Monday, August 30, 2010

कुछ सवाल्

कुछ सवाल 
सच मानो-- तुम्हारे जाने से दुखी नही हूँ
दुखी हूँ उस आसमान को देख कर
 जो इस रात के अन्धेरे मे
हम सब को0 आँसू दे कर खुद
जगमगा रहा है
चाँद इतरा रहा है
तारे जैसे मस्ती मे झूम रहे हैं
तुम्हारे उन के पास लौट जाने का जश्न
मगर धरती पर सब ओर सन्नाटा
गहरी उदासी सबकी शब्द भी मूक से हैं
अनुभूतियाँ, अभिव्यक्तियाँ, संवेदनायें
त्रस्त हैं ,कौन किस से क्या कहे?
 कुछ भी नही छोडा तुम्ने कहने को
और मेरा मन कुछ सवालों की
सलीब पर लटक गया है?
सब से पहला सवाल तुम से है
क्या तुम नही जानते थे
कि इन्सान को रोने के लिये भी
एक कन्धा चाहिये होता है
और तुम ने कितनी आसानी से,
या कहूँ कि बेरहमी से
अपना कन्धा खींच लिया
शायद तुम भी आजकल के हिसाब से
प्रैक्टीकल हो गये थे-- यही तो दुख है
 जो दिल से अपने होते हैं
उनका दुख की घडी मे कन्धा खींच लेना
कितना दर्द देता है
दिल की किचरें सम्भाले नही सम्भलती
काश! तुम ये महसूस कर पाते
बाकी सवाल फिर कभी-----


कविता जारी है अगली कडी तक
ये सवाल जब तक हम ज़िन्दा रहेंगे उठेंगे
शायद इतना दर्द उस मसीहे को भी
सलीब पर लटक कर नही हुया होगा
तभी तो वो उपदेश दे कर चले गये
मगर हम तो एक दूसरे को
सान्तवना भी नही दे सकते
फिर भी उसे जी कर दिखाना ही होगा

Sunday, August 29, 2010

एक सांस का फासला

एक साँस का फासला


ज़िन्दगी और मौत

केवल एक साँस का फासला
मगर जन्मों की दूरी

और तुम

कितनी आसानी से

अटक गये उस पर

नहीं बढाया कदम

दूसरी साँस की ओर

शायद तुम्हारा प्रतिशोध था

अपनी ज़िन्दगी से

शायद तुम सही थे

तुम इस फासले के

घोर सन्नाटे का

एहसास करवाना चाहते थे

और जीने वालों के लिये

छोड जाना चाहते थे

कुछ नमूने कि

तुम भी जी कर दिखाओ

मेरी तरह जी कर

देना चाहते थे एक टीस

जो मौत से भी असह है

देखना चाहती हूँ मै भी

इस सन्नाटे का एक एक पल

तुम कैसे जीये थे

उस आखिरी साँस को लेते हुये

हाँ बस इतना ही कर सकती हूँ

हा ! क्या तकदीर है?

कितनी बेबसी है

एक माँ के लिये जीना

बेटे की मौत के बाद

और उसके अँदाज़ मे जीना

हंसते मुस्कुराते जीना

काश! हम ये कर पायें

यही तो सिखाया है तुम ने

Saturday, August 28, 2010

Fun always on his tips !!



"Anup Suri" He was a person with a charm always on his face !! He loves to travel and arranging party with friends !! For me, he was the most fun loving person I come across....

We all had shared some good or bad experiences with Anup, I request you all to kindly introduce yourself and share some of your experiences with him !!